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गुरुवार, 5 अक्तूबर 2017

बिहार का स्वर्णिम एवं गौरवशाली इतिहास।

रयह ब्लॉग लिखने का फैसला मैंने तब किया,जब जी न्यूज के एंकर रोहित सरदाना ने बिहार के लोगों का तुलना कन्हैया से करते हुए बिहार पर कटाक्ष करते हुए ताल ठोक के डिबेट में एक वामपंथी प्रतिनिधि से कहा कि “बिहार से कन्हैया जैसे दस बारह और लोग को ले आइए अगर आपके पास नेताओं की कमी हो गई हो।"

आपकी जानकारी के लिए बता दूँ,कि पूरे विश्व मे जैसे भारत का इतिहास विश्वगुरू का था,पर राजनेताओं के अकर्मण्यता और भ्रष्टाचार ने आज भारत माता को इतना बदहाल बना दिया है। उसी प्रकार बुद्ध,महावीर,गुरु गोविंद सिंह, चाणक्य जैसे महापुरुषों से संबंध है गौरवशाली बिहार का, कन्हैया से बिहार का तुलना करना बिहार का अपमान होगा। यह अत्यंत ही निंदनीय और घृणित कार्य होगा।
बिहार का कण कण ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों से सुसज्जित है। बिहार के इतिहास को समझे बिना भारत को समझना संभव नहीं है।
इतिहास में लंबे समय तक भारतीय राजनीति एवं सांस्कृतिक विचारों का केंद्र बिंदु बिहार रहा है।

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