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मंगलवार, 24 जुलाई 2018

नरेन्द्र मोदी पर 2019 के आम चुनाव में भी आम लोगों का भरोसा कायम- MODI IS AGAIN RIGHT/FIRST CHOICE OF THE PEOPLE IN GENERAL ELECTION 2019

नरेन्द्र मोदी पर 2019 में भी आम लोगों का भरोसा कायम

“मोदी जी के ईमानदारी, नीति, नियत, निर्णय और निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर देश पर न्योछावर होकर न्यायोचित फैसला लेने की भावना से हम सभी लोग प्रेरित हैं।” 

भले परिणाम अनुमान के मुताबिक नहीं आए हैं,पर सभी को भरोसा है कि मोदी जी को और समय मिलना चाहिए, क्योंकि जिन्हें देश पचास साल तक मौका दिया पर उनलोगों ने देश का बंटाधार कर दिया है। मोदी जी ने देश की दिशा को एक नया रुख दिखाया है और भारत विकास के पथ पर अग्रसर हो चुका है बस आवश्यकता है तो विश्वास और भरोसा बनाए रखते हुए कुछ और समय देने की क्योंकि पांच साल का समय पूरे देश का कायाकल्प करने के लिए प्रर्याप्त नहीं है। अतः मोदी जी जनता के एक मात्र भरोसा हैं, देश उन्हें छोड़कर किसी अन्य विकल्प के तौर पर किसी को नहीं देख रहा। मोदी जी का इरादा साफ है उनका पहला प्रयास है कि गरीब ,कमजोर, पिछड़े वर्गो के लोग जो आजादी के सत्तर साल बाद भी मूलभूत एवं आधारभूत सुविधाओं से वंचित हैं, उन्हें सशक्त बनाया जाए।समाजिक एवं आर्थिक विषमताओं को दूर कर इस देश के मानव संसाधन का भरपूर इस्तेमाल कर देश को दुनिया में गौरव एवं सम्मान दिलाया जाए।
आम जनमानस की परेशानियाें को दूर करना  प्रधानमंत्री जी के एजेंडे में प्रथम वरीयता का विषय है। गरीब एवं पिछड़े लोगों से मोदी जी का भावनात्मक एवं संवेदनात्मक लगाव है,यह उनके द्वारा लागू किए जाने वाले सभी योजनाओं में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है।आप जन-धन योजना या गरीब मां बहनों बेटियों के लिए रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने, सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने से लेकर सड़कों के जाल बिछाने की योजना , और इस तरह के कई काम जो गरीबों को एवं महिलाओं को हक दिलाने की एवं सशक्त बनाने का ही प्रयास है।
मुस्लिम महिलाओं पर ट्रिपल तलाक़,हलाला एवं बहु-विवाह जैसे कुरितियां जिनके आधार पर महिलाओं का शोषण होता आ रहा था, इस शर्मनाक एवं जघन्य कृत्य पर मोदी जी ने कानून लाकर करारा आघात पहुंचाया है। ऐसे अनेक कारण हैं जो आज समाज को सही दिशा प्रदान किया है। अतः यह स्पष्ट है कि २०१९ में मोदी जी का कोई विकल्प नहीं है।

यह लेख एक न्यूज चैनल के सर्वे पर व्यक्तिगत विचार को स्पष्ट करने की कोशिश करते हुए लिखा गया है।यह सर्वे 2019 के आम चुनाव के संदर्भ में है।

फर्जी पत्रकार का फर्जी एवं फिक्स्ड सर्वे।
जब पूण्य प्रसून वाजपेई अरविंद केजरीवाल से ली गई इंटरव्यू का सेटिंग कर सकता है और क्रांतिकारी बता सकता है तो सेटिंग कर क्रांतिकारी और फर्जी सर्वे क्यूं नहीं कर सकता है।

यह सर्वे उन लोगों के द्वारा किया गया है जो चाहते हैं कि मोदी जी सत्ता में दुबारा नहीं आएं। यह एक साज़िश है विपक्षी दलों को एकजुट करने का। इस सर्वे से यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि अगर विपक्ष एकजुट हो तो मोदी को हरा सकते हो और अलग थलग हुए तो मोदी को हराना संभव नहीं हो पाएगा। अतः इस सर्वे के आधार पर विपक्ष को प्रेरित करने का प्रयास किया गया है। इस सर्वे के आधार पर विपक्षी दलों में यह भय पैदा किया जा रहा है और आपसी मतभेद का त्याग कर समझौता करने का सुझाव दिया जा रहा है।
तुम लोग कुछ भी कर लो राजनैतिक पंडित जी देश की जनता मोदी जी के साथ है और यह विश्वास बरकरार है कि अगर देश का कोई भला कर सकता है तो वह शख्स सिर्फ और सिर्फ मोदी जी हैं। भले कुछ मामलों में अनुमान के अनुसार परिणाम नहीं मिला है पर सभी भारतवासियों को यह विश्वास है कि कम या ज्यादा, अगर कोई भला कर सकता है तो वह मोदी जी ही हैं। क्योंकि मोदी जी के ईमानदारी, नीति, नियत, निर्णय और निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर देश पर न्योछावर होकर न्यायोचित फैसला लेने की भावना से हम सभी लोग प्रेरित हैं।

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