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बुधवार, 27 जून 2018

नरेन्द्र मोदी का 2019 में कोई विकल्प नहीं। विकास दीर्घकालीक प्रक्रिया है इस यथार्थ से हर कोई अवगत है सिवाय राहुल गांधी के।

वर्तमान  विपक्ष का चाल-चलन और चरित्र देखकर तो २०१९  ही नहीं २०२४ भी मोदी के  पक्ष में हीं रहने का अनुमान है।
यह बात लोग भली भांति समझते हैं कि संपूर्ण विकास और लोगों के सभी आकांक्षाओं को पूर्ण करना कोई 2-4 साल का काम नहीं है। यह लंबी अवधि तक चलने वाली प्रक्रिया है। विकसित राष्ट्र में भी हर किसी को संतुष्ट नहीं किया जा सकता है।
ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण और ध्यान देने की बात है वो है सरकार की नीति, नियत और कमजोर पिछड़े लोगों के समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता। मोदी जी की ईमानदारी, देश सेवा के लिए अथक प्रयास, भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती, गरीबी खुद झेलने के वजह से गरीबी दूर करने और उनके आत्मसम्मान के लिए युद्ध स्तर पर कार्यरत। गरीब , कमजोर, पिछड़े, दलित  लोगों से भावनात्मक लगाव ।
ऐसे अनेक उदाहरण है जो उनके नियत को स्पष्ट करता है।
विकास दीर्घकालीक और अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है,जो प्रयासरत रहेगा एक दिन अवश्य सफल होगा।
अब उनके कुछ योजनाओं का विपक्ष द्वारा माखौल उड़ाया जाना , विपक्ष की बौद्धिक दिवालियापन ही है। यह जरूरी नहीं कि हर प्रयास सफल ही हो जाए,पर जो प्रयासरत रहेगा,एक दिन अवश्य सफल होगा।
कांग्रेस उन फैसलों को लेती ही नहीं थी जिसमें रिस्क हो, क्योंकि उनका अंतिम गणतब्य था कुर्सी,सत्ता।
इसके विपरित मोदी जी ने सत्ता का परवाह किए बिना देशहित में कठिन फैसले लिए। ऐसे ही छोटे छोटे पहलुओं को ध्यान में रखकर एक दिन भारत का विजय पताका फहराने का श्रेय मोदी जी को समर्पित होगा।
इस बात को आसानी से ऐसे समझा जा सकता है कि जब कोई विद्यार्थी किसी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करता है तो कइ परीक्षाओं का सामना करता है,पर सफल एक बार होता है। उससे पहले अनगिनत बार असफल भी होता है। बुद्धिमान विद्यार्थी सभी असफलताओं से कोई न कोई सीख जरूर लेता है और इन सारे अनुभव को एक सुत्र में पिरोकर माला तैयार कर लेता है,पर दुर्भाग्यवश बुद्धिहीन व्यक्ति उसके असफलताओं पर जश्न मनाने में जुटे रहता है।

यही स्थिति आज कांग्रेस की है वह दूसरे के पराजय से ही संतुष्ट है, उसके अपने कोई न तो लक्ष्य दिखता है नहीं कोई सजगता और संवेदनशीलता ।
देश कांग्रेस के निष्यकृयता से भलि भांति परिचित है। अब इस देश को हिम्मत और साहसपूर्ण फैसले लेने वाले नेता चाहिए।आज तक कांग्रेस ने असफलता और बदनामी से बचने के लिए कोई भी ऐसे फैसले लिया ही नहीं जिसके सफलता से देश की प्रगति जुड़ी हुई थी और असफलता में सरकार गिर जाने का डर।पर इन दोनों में से कांग्रेस ने हमेशा अपने सरकार के हिफाजत की बात सोची भले देश की जनता अभावग्रस्त जीवन जीने के लिए बाध्य क्यों न हो।
और दूसरे तरफ मोदी जी हैं जिन्होंने ने सरकार की जरा भी परवाह किए बिना देशहित को प्राथमिकता दी,और इस बात से देश भलि भांति अवगत है, परिचित है।
भारत माता के एकता, अखंडता , सम्मान और संप्रभुता के साथ जिस प्रकार से असंवेदनशीलता का परिचय टूकड़े टूकड़े गैंग का समर्थन देकर किया है इसकी चर्चा अगले ब्लाग में.......
आपका आभार, धन्यवाद बहुमूल्य समय देने के लिए।

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