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शनिवार, 31 मार्च 2018

नवजोत सिंह सिद्धू (गुलाटी किंग)के वैचारिक एवं नैतिक पतन,जब वैचारिक गुलाटी मारते हुए अपने विचारधारा को मैडम के चरणों में नतमस्तक/समर्पित कर दिया।

 नवजोत सिंह सिद्धू में पहले वाली बात नहीं रही,अब सिद्धू गुलाटी किंग की भूमिका बेहतरीन तरीके से निभा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के मिट्टिंग में जिस तरह से इन्होंने  गुलाटी मारा है,सारा देश अचंभित है। इनके पुराने और नए विडियो के संकलन से तैयार किया गया तुलनात्मक समीक्षा वाले विडियो लोगों को इस शो से ज्यादा मनोरंजित कर रहे हैं। इस अवसरवादिता के दौर में लोगों के वास्तविकता को जान पाना लगभग असम्भव है।
किसी भी पार्टी में शामिल होकर देश सेवा करना हर व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है, इसे न कोई छिन सकता है,और न ही कोई रोक सकता है। यह आपका व्यक्तिगत निर्णय है और इससे किसी को कोई समस्या होना भी नहीं चाहिए। आप किस पार्टी या व्यक्ति के साथ देश में अपना अधिकतम योगदान दे सकते हैं, आपको किसके साथ अपने महत्त्वाकांक्षाओं को सफलता के शिखर तक पहुंचाने में सहुलियत मिल सकती है यह निर्णय सिर्फ और सिर्फ आपका ही हो सकता है,और आपके निर्णय का देशवासियों द्वारा भरपूर सम्मान भी मिला।
देश आश्चर्यचकित, अचंभित तब हुआ जब आपने निजी स्वार्थ की पूर्ति हेतु जबरदस्त वैचारिक, राजनैतिक गुलाटी मारा। इसके पूर्व आपको इस देश का हर व्यक्ति दहाड़े मारने वाला शेर समझता था,चाहे वह किसी भी पार्टी का समर्थक क्यों न हो। आपने निजी स्वार्थ की पूर्ति हेतु जो वैचारिक, सैद्धांतिक एवं नैतिक मूल्यों की तिलांजलि दी है,वह आपके समर्थकों के लिए अत्यंत ही दुखद और निराशाजनक निर्णय साबित हुआ है। आपने स्वयं ही अपने विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगा लिया है। आपने करोड़ों देशवासियों को इस अवसरवादिता की राजनीति से प्रभावित होकर जो अपना वैचारिक, नैतिक एवं सैद्धांतिक पतन का पराकाष्ठा प्रस्तुत किया है वह अत्यंत ही अपमानित करने वाला कृत्य है। आपने अपने समर्थकों के साथ जो विश्वासघात किया है वह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है, आपके इस व्यक्तिगत लाभ के लिए लिए गए निर्णय से सबसे ज्यादा समाज का वह वर्ग प्रभावित होगा,जो सच में अपने जीवन की आहूति  किसी परिणाम की चिंता किए बगैर, यश अपयश के धरातल से उपर उठकर देशसेवा में समर्पित कर रखा है। आपके इस वैचारिक यू-टर्न ने निस्वार्थ सेवा भाव से देश की प्रगति के लिए अपने सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले महान देशभक्तों के त्याग को कलंकित किया है, उनके नियत पर देशवासियों को संसय करने के लिए मजबुर किया है। आप  जिस तरह से खुद को उनके चरणों में नतमस्तक, समर्पित किया है, जिन लोगों के निंदा में आपने सारे मर्यादा, नैतिकता, सिद्धांत एवं हदें लांघ चुके थे। 

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