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गुरुवार, 15 मार्च 2018

नरेश अग्रवाल को भाजपा में शामिल करना, कार्यकर्ताओं के लिए निराशाजनक।

समाजवादी पार्टी (एसपी) के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने पार्टी छोड़कर भाजपा

 भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने अग्रवाल की टिप्पणी से तुरंत पार्टी को अलग बताया और कहा कि उनकी पार्टी सभी क्षेत्रों के लोगों का सम्मान करती है और राजनीति में उनका स्वागत करती है। इसके कुछ घंटे बाद भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर अग्रवाल के बयान की आलोचना की।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, '' नरेश अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। उनका स्वागत है। बहरहाल, जया बच्चन जी के खिलाफ उनके बयान अनुपयुक्त और अस्वीकार्य हैं।



 का दामन थाम लिया है। दिल्ली में बीजेपी हेडक्वॉर्टर पहुंचकर नरेश ने बीजेपी की औपचारिक रूप से सदस्यता ग्रहण की है। हाल ही में राज्यसभा के लिए जया बच्चन को तरजीह दिए जाने से नरेश पार्टी से नाराज चल रहे थे। 

नरेश अग्रवाल जैसे लोगों को पार्टी में शामिल करने से कार्यकर्ताओं में बहुत नाराजगी  थी। हम लोगों ने कुछ ही समय पहले हिन्दू देवी देवताओं को नरेश अग्रवाल द्वारा अपमानित करने का जो अनैतिक कृत्य किया गया था उसके खिलाफ हल्ला बोला था । हमारे आस्था पर प्रहार करने वाला शख्स, भारतीय सेना पर भला बुरा बोलने वाले शख्स , जिसका राष्ट्रीय धरोहर का अपमान करना ही राजनैतिक संस्कार रहा हो, उसे अलग थलग करने के बजाय उसे पार्टी का सम्मानित सदस्यता प्रदान कर पुरस्कृत किया गया।
हमारे जैसे छोटे कार्यकर्ताओं को  पार्टी से कोई भी आर्थिक सहायता  या सपोर्ट  नहीं मिलता नहीं कोई चाह रखते हैं।
हमारे जैसे लोगों के लिए यही बहुत है कि हमने जिस विचार धारा का समर्थन किया है, वो नैतिकता के हर पैमाने पर खरा उतरे तथा राष्ट्रहित को सर्वोपरि समझे। देश और देशवासियों के आन ,बान और शान  पर कोई आंच नहीं आने दिया जाए।
कल तक जिसे राष्ट्र विरोधी, हिन्दू विरोधी कहकर नैतिकता के मानदंड पर कठघरे में खड़े करते थे, आज  उसी को पार्टी में शामिल करना पड़ा,यह पाखंड नहीं है तो क्या है?
हम  लोग ठगे ठगे से महसूस कर रहे हैं , अपनों से अपमानित होना बहुत ही दुर्भाग्य की बात है।
किसी पार्टी के लिए जब सिद्धांत से बढ़कर अवसरवादिता हो जाए, तो यह बहुत ही अशुभ एवं विनाशकारी  भविष्य का द्योतक है।
हमारे जैसे कितने लोग बिना किसी स्वार्थ  के, राष्ट्रहित भावों से अभिभूत होकर  अपना बहुमूल्य योगदान दिया है, उसके पीछे मात्र एक ही कारण है कि पार्टी द्वारा किया गया हर कार्य देश के मस्तक को ऊंचा उठाने वाला हो, हमारे संस्कृति, संस्कार को बल प्रदान करने वाला हो।
वैसे इस  चुनाव को  इतना प्रमुखता दी जाने की कोई जरूरत नहीं है। आज भी हम नाराज है पर मोदी जी पर आंच नहीं आने देंगे। कितना भी नाराजगी क्यों न हो, अपने घर में तो न आग लगाएंगे न ही किसी को लगाने देंगे। परिवार से नाराज़गी जताई जा सकती है, पर वाह्य आक्रमण  की स्थिति में हम अपने सारे वैमनस्यता को छोड़कर  जी जान से लग जाएंगे। अतः बूआ, बबूआ ,पप्पूआ ज्यादा खुश न हो। मोदी जी पर कोई आंच नहीं आने देंगे । पार्टी विचारधारा पर समझौता नहीं करेंगे, क्योंकि कार्यकर्ताओं का एक मात्र हथियार विचारधारा ही है। हमारी सारी लड़ाई विचारधारा पर ही केंद्रित होता है।
समाजवादी पार्टी से भाजपा में शामिल हुए नरेश अग्रवालअको लेकर विश्व हिंदू परिषद ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। अग्रवाल को बीजेपी में लेने का फैसला वीएचपी को पच नहीं रहा है। वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने कहा कि नरेश अग्रवाल की पृष्ठभूमि पूर्ण हिंदू विरोधी है, जो ठीक नहीं है। 

नरेश अग्रवाल ने बीजेपी में शामिल होने के साथ ही सांसद जया बच्चन को लेकर जो बयान दिया, उससे भी वीएचपी नाराज है। हालांकि अग्रवाल ने अपने बयान पर खेद प्रकट किया है, लेकिन वीएचपी ने कहा कि संगठन को उनके बयान पर घोर आपत्ति है। वीएचपी नेता सुरेंद्र जैन ने एनबीटी से बात करते हुए कहा, 'हमें लगता है कि बीजेपी को बाहर से लोगों को लेना तो चाहिए, लेकिन किसी को भी पार्टी में लेते वक्त उनकी पृष्ठभूमि की जांच बहुत जरूरी है।' जैन ने कहा कि नरेश अग्रवाल ने जया बच्चन को लेकर जो बयान दिया वह घोर आपत्तिजनक है और महिला विरोधी है। वीएचपी इसकी कड़ी आलोचना करती है।

वीएचपी नेता ने कहा कि ऐसा व्यक्ति जिसका अपनी जुबान पर नियंत्रण नहीं रहा हो, उसे पार्टी में शामिल करते वक्त बीजेपी को सावधानी बरतनी चाहिए थी। ऐसे लोग एसेट कम और लायबिलिटी ज्यादा बन जाएंगे। वीएचपी नेता ने साफ कहा कि नरेश अग्रवाल की हिंदूविरोधी पृष्भूमि है, जो बिल्कुल ठीक नहीं है। वीएचपी के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि एक तरफ हम अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर काम कर रहे हैं दूसरी तरफ नरेश अग्रवाल का राज्यसभा में दिया गया वह बयान जो हिंदू देवी देवताओं का अपमान है, वह हमारे लिए भी असुविधा कि स्थिति पैदा कर सकता है। 

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