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शनिवार, 31 मार्च 2018

भारत सरकार के खिलाफ विपक्षियों के पास साकारात्मक आलोचना के ठोस तर्क के अभाव में देश विरोधी विचार को हवा देना दुर्भाग्य का विषय!

तथाकथित सेकुलर गिरोह जिसमें दलाल मिडिया और भ्रष्ट नेताओं की जुगलबंदी एक स्लिपर सेल के रूप में कार्यरत हैं, जिनका मकसद ही है भारत विरोधी गतिविधियों को हवा देना। अगर हम इनके गतिविधियों पर नजर डालें तो पाएंगे कि हर घटना,खबर को अपने एजेंडे के तहत देश हित के विरुद्ध एक नया रंग देने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं। आज तक इन राष्ट्रविरोधी तत्वों के पास ही बुद्धिजीवी वर्ग कहलाने का कापीराइट था। ऐसे तत्वों को लगता था कि देश का एजेंडा तय करना उनके एकाधिकार है। क्योंकि ऐसे तत्वों का  ही जनसंपर्क के माध्यमों में बहुलता थी।
देश विरोधी नैरेटिभ को समाज में स्थापित करने के लिए इन्हें मोटी रकम एवं सुख सुविधा के अलावा विदेश भ्रमण ,अय्यासी जैसे तमाम प्रलोभन दिया जाता रहा है। राजनेताओं की  वफादारी सिर्फ वोट बैंक की तुष्टिकरण द्वारा सत्ता हासिल करने और कुर्सी मिल जाए तो लूट खसोट कर धन अर्जित करने से है।
आज हम लोगों को सोसल मीडिया का शुक्रिया अदा करना चाहिए, जिसके परिणामस्वरूप इन  नकाबपोशों का नंगा स्वरुप हमारे सामने है। इन पाखंडियों के पास कुछ ऐसे विचारधारा रुपी हथियार है जिसका इस्तेमाल कर अपने निजी स्वार्थ साधने के लिए प्रयासरत रहते हैं।
Most lethal weapon...
1.) मानवाधिकार पर आघात
2.) अभिव्यक्ति की आजादी
3.) सहिष्णुता और असहिष्णुता का प्रश्न
4.) तथाकथित धर्मनिरपेक्षता...
...... इसके अलावा और भी कई हथकंडे  अपने अनैतिक, देशविरोधी कृत्य को परिणाम तक पहुंचाने के लिए अपनाया जाता रहा है।

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