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शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018

हिन्दू विरोधी मानसिकता से ग्रसित,पूण्य प्रसून वाजपेई द्वारा सम्मानित हिन्दू गुरुओं को दोषी बाबाओं के साथ प्रस्तुतिकरण शर्मनाक।

पूर्वाग्रह से ग्रसित कुछ तथाकथित सेकुलर गैंग जिसमें समाज के हर क्षेत्र के लोग एक हिंदुत्व विरोधी नैरेटिभ के पक्षधर अपने निजी स्वार्थ साधने के उद्देश्य से कार्यरत हैं। इसमें आज मैं ABP NEWS के पत्रकार पूण्य प्रसून बाजपेई और अभिसार शर्मा की चर्चा करना चाहता हूं।एक टीवी कार्यक्रम में हिन्दू धर्म के प्रमुख ध्वज वाहकों को जब एक सोची समझी रणनीति के तहत कुछ आरोपित बाबाओं के साथ चित्र साझा कर परोक्ष रूप से अपमानित करने का प्रयास किया जा रहा है। हिन्दू धर्म के ऐसे गुरुओं तस्वीरें दिखाई है जिनपर जूर्म तो दूर तुम्हारे जैसे नकारात्मकता के वाहक के पास एक सबूत तक नहीं होता,पर लांछन लगाना ही तुम जैसे बिके लोगों का धंधा है ,एजेंडा है।

महर्षि महेश योगी,श्री श्री रविशंकर जी एवं रामदेव बाबा जैसे संतों को बदनाम करने की अभिलाषा से तुमने चालाकी के साथ इनकी तस्वीरें उन भ्रष्ट एवं अनैतिक कृत्य वाले लोगों के साथ दिखा दिया।
क्या बुराई है अगर कोई बाबा या संत देश के समृद्धि के समर्पित हैं। महर्षि महेश योगी ने जिस प्रकार से  transcendental meditation को पूरे विश्व में खासकर अमेरिका और यूरोप के देशों में प्रसारित किया,वह अकल्पनीय है। उन्होंने भारत माता के यश और कीर्ति में बहुमूल्य योगदान दिया है।
संक्षेप में ही अब श्री श्री की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताना चाहता हूं कि श्री श्री ने जिस प्रकार से सामाजिक सांस्कृतिक मूल्यों और आदर्शों को स्थापित करने का प्रयास करते हुए  पूरे विश्व में शांति एवं सद्भाव का वातावरण स्थापित किया है उसे समझना तुम्हारे योग्यता से परे है। भारत में कितने ही नक्सलियों का आत्मसमर्पण कराकर उन्हें समाज के मुख्यधारा से जोड़ने का प्रशंसनीय कार्य किया है। विश्व के कई पिछड़े देशों में गृहयुद्ध को विराम देने वाले फैसले कर असंख्य लोगों को जीवन को संवारने में अद्भुत योगदान दिया है।
अब नक्सलियों के आकाओं से तो ऐसी आकांक्षा तो बिल्कुल नहीं कर सकते कि उनके द्वारा इस कार्य की प्रशंसा होगी। पर हां जिन लोगों की जिंदगी दांव पर थी उन्हें जब श्री गुरुदेव द्वारा नव जीवन का तोहफा मिला तब उनके आनंद एवं श्रद्धा की पराकाष्ठा की कल्पना नहीं किया जा सकता।
और अब बाबा रामदेव, जो इस देश में कर्मयोगी का वास्तविक स्वरूपहैं। बाबा रामदेव जी के सामाजिक सांस्कृतिक और स्वास्थ्य वर्धन में जो अकल्पनीय योगदान है वह विश्लेषण से परे है। एक अभावग्रस्त इंसान किस अटल विश्वास और पुरुषार्थ के पराकाष्ठा कर एक कर्मयोगी कैसे किसी भी लक्ष्य को साध सकता है, इस श्रेणी में विश्व का एकमात्र उदाहरण बाबा रामदेव हैं।
बाबा ने अपने जीवन में सादगी के साथ जो समृद्धि लाई है वह अद्भुत एवं अकल्पनीय है। समाज में विद्वेष का समापन कर सद्भाव और समृद्धि का अद्वितीय प्रयास कर रहे हैं तब कुछ विभाजनकारी शक्तियां को व्यथा, वेदना एवं पीड़ा महसूस हो रहा है।
ऐसे ही लोग आज हिंदू धर्म के प्रमुख ध्वज वाहकों के चरित्र एवं संस्कार को धूमिल करने का तथा अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं।
पर मैं और तमाम देशवासी सारे देशविरोधी तथाकथित सेकुलर गिरोह को आगाह करते हुए कहना चाहता हूं कि अब तुम्हारे दिन लद चुके हैं,देश की जनता आज जागरुक और पहले से ज्यादा संवेदनशील हो चुकी है, हिंदुत्व का परचम लहराने में किसी भी अवरोध को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
वंदे मातरम्!
भारत माता की जय!
सनातन धर्म की जय।
  


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